हम करें राष्ट्र आराधन... / Hum Kare Raastra Aradhan with Lyrics
हम करें राष्ट्र आराधन... हम करें राष्ट्र आराधन, तन से मन से धन से, तन मन धन जीवनसे, हम करें राष्ट्र आराधन... अन्तर से मुख से कृती से, निश्र्चल हो निर्मल मति से, श्रध्धा से मस्तक नत से, हम करें राष्ट्र अभिवादन… अपने हंसते शैशव से, अपने खिलते यौवन से, प्रौढता पूर्ण जीवन से, हम करें राष्ट्र का अर्चन… अपने अतीत को पढकर, अपना ईतिहास उलटकर, अपना भवितव्य समझकर, हम करें राष्ट्र का चिंतन….. है याद हमें युग युग की, जलती अनेक घटनायें जो मां के सेवा पथ पर, आई बनकर विपदायें हमने अभिषेक किया था, जननी का अरिशोणित से हमने शृंगार किया था, माता का अरिमुंडो से हमने ही ऊसे दिया था, सांस्कृतिक उच्च सिंहासन मां जिस पर बैठी सुख से, करती थी जग का शासन अब काल चक्र की गति से, वह टूट गया सिंहासन अपना तन मन धन देकर, हम करें राष्ट्र आराधन.... हम करें राष्ट्र आराधन, तन से मन से धन से, तन मन धन जीवनसे, हम करें राष्ट्र आराधन...
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