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Watch: Will PM accept the Challenge?

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Watch:  Will PM accept the Challenge? Click here:  https://youtu.be/J-xKBEUOeyA  

Indian Sugarcane Sector - How to Ruin a Gold Mine - Lessons and the Way Forward?

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Indian Sugarcane Sector -  How to Ruin a Gold Mine? Lessons and  the Way Forward. By: Vijay Sardana For updates : @vijaysardana Do share the blog and your views. Are we really keen to solve sugarcane sector crisis in India? This is a classic case how bad politics can ruin a gold mine and create a crisis for all and worst part is no political leader had guts to change the bad policies hurting all. Unfortunately, those who suffer the most are also not keen to learn the new ways of working. The way our stakeholders are working it sends a message that we are not keen. Government is not willing to accept that there is serious policy flaw in our system driven by political consideration.  Sugar Industry is not keen to do any work on new products even in good time and in bad times waiting for bailout packages in the name of farmers.  Farmers are not keen to change because they are fully aware and confident that political class will come for votes an...

Press - Sugar Crisis is created to seek Political Mileage - What is the way forward?

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चीनी सेस पर बंटे राज्य, गन्‍ना कि‍सानों के संकट का कोई हल नहीं Moneybhaskar |  अंतिम अपडेट : 06 मई, 2018, 04:53 PM गन् ‍ ना कि ‍ सानों का करीब 20,000 करोड़ रुपए बकाया चीनी मि ‍ लों पर हो गया है। नई दि ‍ ल् ‍ ली।  देश के गन्‍ना कि‍सानों के 20000 करोड़ के बकाए का संकट अब और गहराता जा रहा है। बकाया दि‍लाने में मदद करने और चीनी मि‍लों को आर्थि‍क संकट से बाहर निकालने के लि‍ए सामने आया '3% सेस फॉर्मूला' भी राज्‍यों के वि‍रोध के चलते लागू नहीं हो पाया। गन्‍ना कि‍सान संकट में हैं और फि‍लहाल इसका कोई हल नजर नहीं आ रहा। क् ‍ या है संकट गन्‍ना बकाए का संकट रि‍कॉर्ड उत्‍पादन से पैदा हुआ है। चीनी मिलों के सबसे बड़े संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानी ISMA की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू गन्ना पेराई सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में देश में चीनी का उत्पादन 3 करोड़ 10 लाख टन के पार चला गया है। फिलहाल देशभर में 130 मिलों में पेराई चल रही है। उद्योग संगठन के मुताबिक, इस साल देश में चीनी का उत्पादन रिकॉर्ड 3 करोड़ 20 लाख टन तक पहुंच सकता है। बंपर उत्‍पाद...

My Short Journey with Convicted Aasaram Bapu

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My Short Journey with Convicted Aasaram 'Bapu' As the Director of the Board of the company and COO, I was the frequent traveler to Rewa to my soya and mustard processing factory.  Once Aasaram Bapu was my co-passenger in flight from Varanasi to Khajuraho. He was going on his tour to deliver sermons in various places in MP. I had a chance to interact with him the one-on-one basis during flight for about 45 minutes. As soon as he entered the aircraft he started introducing him to all foreign tourists in flight and started showing his newspaper cuttings and in-house newsletter of his ashram called 'Rishi Prashad". Many passengers and air hostesses were keen to have the photo with him. After few minutes,  he came and sat next to me. We exchanged greetings and he started chatting with me. Once I introduced my area of expertise, Imagine what we were discussing - he was keen to know how and when to sell his soybean stocks and at what price. He or his trust has...

Outlook Hindi - मिलावट रोकने का लाचार तंत्र

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मिलावट रोकने का लाचार तंत्र For detailed coverage, click here: https://www.outlookhindi.com/story/1043 खाने में धड़ल्ले से हो रहा मिलावट PHOTOGRAPHY BY- गैटी इमेजेज विजय सरदाना “  देश में मिलावटी खाना और पानी से बीमारियां बेइंतहा बढ़ने लगीं, खाद्य सुरक्षा की जिम्मेदार एफएसएसएआइ का तंत्र रोकथाम में नाकाम, सख्त कानून और पारदर्शी तंत्र की फौरी दरकार  ” राजधानी दिल्ली के सबसे फैशनेबुल और लकदक बाजारों में एक हौज खास है। इसकी प्रसिद्धि ऐसी है कि देश के अमीर और रसूखदार ही नहीं, विदेशी भी सैर-सपाटे और आउटिंग के लिए पहुंचते हैं। यहां तरह-तरह के रेस्तरां और फूड आउटलेट की भरमार है, जहां प्रेमी जोड़े डेटिंग और डिनर के लिए शौक से पहुंचते हैं। वहां भी नाम न छापने की शर्त पर आउटलेट वालों ने बताया कि उन्हें याद नहीं कि कभी किसी सरकारी संस्‍था ने किन्हीं मानकों के बारे में बताया या कोई प्रदर्शन किया हो। एक ने कहा, “कभी अधिकारी आते भी हैं तो कोई जांच नहीं होती। वे पैसे लेकर चले जाते हैं। पैसा नहीं देने पर कार्रवाई की धमकी देते हैं।” यहां के स्ट्रीट वें...