आत्मनिर्भर भारत का मतलब क्या है?
आत्मनिर्भर भारत
विजय सरदाना के विचारों के साथ
यह अमेरिका और चीन नहीं देंगे,
हमारे सपनों को हम ही संजीवनी देंगे।
क्यों देखें बाहर की ओर बार-बार,
जब अपने भीतर है अपार भंडार।
न ज्ञान की कमी, न हुनर में है शून्यता,
बस चाहिए विश्वास, और थोड़ी सी एकजुटता।
मिट्टी की सौंधी खुशबू में है ताक़त,
जो बना दे हर गाँव को भी विकास की साजत।
कपड़े, मशीनें, तकनीक हो या बीज,
हर क्षेत्र में खुद बनाएं अपनी नींव।
निर्भर नहीं रहेंगे अब किसी और पर,
अपनी मेहनत से बदलेंगे यह दृश्य और चित्र।
स्टार्टअप की आग हो या किसान का हल,
हर हाथ में हो हुनर, हर दिल में उजास जल।
यह सिर्फ़ नारा नहीं, यह है संकल्प गहरा,
आत्मनिर्भर भारत — अब यही है सवेरा।
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